शिकायतों की शताब्दी से अच्छी भोपाल रेल मंडल की भोपाल एक्सप्रेस

भोपाल/ नई दिल्ली-हबीबगंज-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस देश की प्रीमियम क्लास ट्रेनों में शुमार का सफर अब परेशानियों भरा हो चला है। दिल्ली रेल मंडल की इस ट्रेन में यात्रियों द्वारा 7 से 8 शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। शताब्दी के यात्रियों को कभी खराब खाना परोसा जाता है तो कभी इसका एसी खराब हो जाता है। ट्रेने में हर माह खानपान संबंधी 120 शिकायतें, साफ-सफाई की 60 और एसी का कूलिंग सिस्टम खराब होने की 35 शिकायतें से ज्यादा मिल रही हैं।


इसके बाद भी रेल प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती, बल्कि सिर्फ 500 से लेकर 5000 रुपए तक का जुर्माना लेकर और कर्मचारियों को आरोप पत्र थमाकर औपचारिकता की रस्म अदायगी कर दी जाती है। इस मामले में रेल अधिकारियों का कहना है कि सुधार की प्रक्रिया हर जगह होती है और शताब्दी भी इससे अछूती नहीं है। इसलिए पहले चरण में जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।


रेलवे के सिस्टम और ट्विटर पर होने वाली शिकायतों में जानवर कटने की हर महीने 25, इंजन में खराबी संबंधी 5 और कर्मचारियों की अभद्रता से संबंधित तीन शिकायतें हर महीने दर्ज हो रही हैं। ट्रेन की आधा दर्जन श्रेणियों में शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है, फिर भी रेल प्रबंधन का ध्यान इनके निराकरण की ओर बिलकुल भी नहीं है।


हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि रेल मंडल की भोपाल एक्सप्रेस में शताब्दी के मुकाबले इक्का-दुक्का शिकायतें ही दर्ज करवाई जाती हैं, जबकि पंजाबमेल व झेलम एक्सप्रेस में हर महीने हर तरह की कुल शिकायतों की कुल संख्या 80 से ज्यादा रहती है। जहां तक सबसे ज्यादा शिकायतों का मामला है, कुशीनगर एक्सप्रेस में यह संख्या 150 से ज्यादा हर महीने रहती है। यदि हर यात्री अपनी समस्या की शिकायत इस ट्रेन में करने लगे तो शिकायतों की संख्या हर महीने इससे दोगुनी हो सकती है। करीब 30 से 40% यात्री तो अपनी शिकायत ही दर्ज नहीं कराते हैं।


 शताब्दी में सफर करने वाले यात्रियों द्वारा विभिन्न श्रेणी के तहत शिकायतें की जाती हैं, लेकिन रेलवे प्रबंधन लगातार इन शिकायतों पर ध्यान देता है। साथ ही संबंधित रेलवे जोन कार्रवाई भी करता है। सुधार की संभावना लगातार बनी रहती है।- अनुराग पटेरिया, सीनियर डीसीएम भोपाल रेल मंडल


 खाने-पीने संबंधी शिकायतों की संख्या अन्य के मुकाबले ज्यादा है, इसको देखते हुए कैटरिंग कॉन्ट्रैक्टर्स पर लगातार कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जा रहा है। लगातार किसी कॉन्ट्रैक्टर की शिकायत मिलने पर उसका कॉन्ट्रैक्ट निरस्त व सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी।  सिद्धार्थ सिंह, प्रवक्ता, आईआरसीटीसी