राम मंदिर ही नहीं, पूरी अयोध्या को संवारने की हो रही तैयारी

लखनऊ। अयोध्या को नया रूप देने के लिए सरकार नया मास्टर प्लान तैयार करा रही है। इसकी जिम्मेदारी कोलकाता की कंपनी स्टेस्लाइट प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी है। कंपनी को 12 महीने में अयोध्या-फैजाबाद का मास्टर प्लान तैयार कराना है। अयोध्या का मास्टर प्लान जीआईएस आधारित होगा। जीआईएस मैप रिमोट अप्लीकेशन सेन्टर, हैदराबाद तैयार करा रहा है। 


केंद्र सरकार ने अमृत मिशन योजना से अयोध्या के चहुंमुखी विकास का खाका तैयार किया है। मास्टर प्लान में जहां अयोध्या में अभी मौजूद संसाधान व सुविधाओं को शामिल किया जाएगा वहीं नई अयोध्या का खाका भी खींचा जाएगा। जरूरत की हर चीजें व सुविधाएं अयोध्या में मौजूद हों इस पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। जरूरत के हिसाब से आवासीय, व्यावासयिक, ग्रीन क्षेत्र भी निर्धारित किए जाएंगे।


सीवर लाइन, पेयजल की व्यवस्था, बस अड्डे, सीवेज ट्रीटमेंट प्लाण्ट, पार्क, फारेस्ट एरिया, मास्टर प्लान रोड, आउटर रिंग रोड का भी प्रावधान किया जाएगा। झील, तालाब विकसित करने के साथ सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ायी जाएगी। प्रदेश सरकार ने मास्टर प्लान की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को दी थी। उसने टेण्डर कराकर इसकी जिम्मेदारी निजी कंपनी को दे दी है। 


अयोध्या के विकास का नया मास्टर प्लान 388 वर्ग किलोमीटर के लिए तैयार हो रहा है। वर्ष 2031 तक अयोध्या की जनसंख्या क्या होगी, इस अवधि तक किस तरह और कौन-कौन से संसाधनों की जरूरत पड़ेगी, इसका आकलन कर मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा।  फिर इसी के हिसाब से अयोध्या के विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार से बजट जारी होगा।  


कोलकाता की कंपनी ने मास्टर प्लान तैयार करने के लिए आंकड़े एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के सहायक नगर नियोजक नीलेश सिंह कटियार ने बताया कि संस्था ने सरकारी विभागों से आंकड़े एकत्र करने का काम शुरू कर दिया है। नगर निगम, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, जलकल, जल निगम व अन्य सरकारी विभागों से आंकड़े लिए जा रहे हैं। भविष्य की जरूरतों के बारे में भी उनसे जानकारी ली जा रही है।