मेट्रो के लिए कटेंगे 2,222 पेड़, साल में घटेगी 24 हजार किलो ऑक्सीजन

भोपाल. मेट्रो के दोनों रूट के लिए कुल 2,222 पेड़ काटे जाएंगे। इन पेड़ों की कटाई से 6,576 किग्रा हर साल वातावरण में ही रह जाएगी और 24,132 किग्रा ऑक्सीजन कम मिलेगी। इनकी एवज में 8828 पेड़ लगाने के लिए एक करोड़ 28 लाख 600 रुपए जमा होंगे। ताकि क्षतिपूर्ति पौधरोपण के रूप में 8,828 पेड़ लगाए जा सकें। यह अभी तय नहीं है कि यह पेड़ कब और कहां लगेंगे। प्रोजेक्ट के एन्वायर्नर्मेंट  मैनेजमेंट प्लान पर  9 करोड़ नौ लाख 72 हजार रुपए खर्च होंगे।



मेट्रो रेल कंपनी द्वारा तैयार एन्वायर्नर्मेंट  इम्पैक्ट असेसमेंट(ईआईए) रिपोर्ट के अनुसार मेट्रो ट्रेन के पहले चरण में करोंद चौराहा से एम्स के रूट में 30 सेमी से अधिक गोलाई के तने वाले 1199 और भदभदा से रत्नागिरि तक रूट पर 993 पेड़ हैं। यह संख्या कुल 2,192 होती है। शेष 30 पेड़ ऐसे हैं जिनका तना 30 सेमी से कम है। नियमानुसार 30 सेमी वाले एक पेड़ की एवज में 4 और इससे कम गोलाई वाले की एवज में दो पेड़ लगाना होते हैं। इस तरह कुल 8,828 पेड़ लगाने होंगे।  


केंद्र ने मेट्रो प्रोजेक्ट को पर्यावरण स्वीकृति से छूट दे रखी है। लेकिन प्रोजेक्ट के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक से लोन के लिए इस तरह की रिपोर्ट की जरूरत होगी। यही वजह है कि मेट्रो रेल कंपनी ने अपने स्तर पर डिटेल रिपोर्ट तैयार की है।


पर्यावरण विशेषज्ञ सुदेश वाघमारे ने बताया कि एक वयस्क पेड़ अपनी ऊंचाई, तने की मोटाई, पत्तियों का आकार और संख्या और मौसम के आधार पर 300 लीटर से 3000 लीटर ऑक्सीजन रोजाना देता है। एक लीटर ऑक्सीजन 750 ग्राम के बराबर होती है। एक व्यक्ति एक दिन में औसत 1000 लीटर प्रति दिन ऑक्सीजन ग्रहण करता है। वाघमारे ने कहा कि मेट्रो रेल कंपनी ने रिपोर्ट किस आधार पर तैयार की है इसका खुलासा होना चाहिए।