चक्रवाती तूफान 'महा' का असर, इन राज्यों में भारी बारिश और तबाही की आशंका

नई दिल्ली। अरब सागर में बने शक्तिशाली तूफान 'महा' का देश के कई राज्यों में असर दिखने लगा है। अरब सागर की तरफ से लगातार आ रही नमी से गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व अंडमान निकोबार सहित अन्य राज्यों में बादल छाए हैं। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात और अंडमान निकोबार में भारी बारिश के आसार हैं।


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुमान के मुताबिक, चक्रवात 'महा' फिर से भारत की ओर लौट सकता है। साथ ही यह भी आशंका जताई है कि गुजरात की तरफ लौट रहा यह चक्रवात बहुत खतरनाक तूफान का रूप ले सकता है। चक्रवात के दोबारा लौटने से बेहद तेज हवाओं के साथ-साथ भारी बारिश भी हो सकती है।


IMD के अनुसार यह तूफान गुजरात तट पर 5 नवंबर को पहुंचेगा। इसका सबसे ज्यादा असर द्वारका और दीव के बीच स्थित तट पर पड़ेगा, जहां 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से हवाएं चलेंगी। तेज हवाओं के साथ-साथ तटीय इलाकों में भारी बारिश की आशंका है। 'महा' तूफान के चलते गुजरात के तटीय क्षेत्रों सौराष्ट्र के पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, सोमनाथ, जूनागढ़ में भारी बारिश की संभावना है। यह चक्रवाती तूफान अरबी समुद्र से उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर द्वारका और दीव के बीच स्थित तट पर होने की संभावना जताई जा रही है। 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से हवाएं चलने की आशंका जताई गई है।


वहीं महाराष्ट्र सरकार ने चक्रवाती तूफान महा के कारण 6-8 नवंबर से उत्तर कोंकण और राज्य के उत्तर मध्य भाग में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही मछुआरों को तटों पर लौटने के लिए कहा गया है और सभी जिला प्रशासन को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्र में मछली पकड़ने वालों को जल्द से जल्द निकटतम बंदरगाह पर लौटने की सलाह दी। गुजरात तट से सात जहाजों और दो विमानों को तैनात किया गया है।


दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों क्यार चक्रावत की वजह से दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हुई थी। जिसकी वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ। गुजरात के किसानों को 'क्यार'तूफान के बाद अब 'महा' नामक चक्रवात का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने राज्य में एक बार फिर बारिश होने का अनुमान जताया है। महा चक्रवात के चलते मछुआरों को सतर्क करते हुए समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है।


इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। उसकी वजह से भी मध्यप्रदेश में नमी बढ़ रही है। इससे पहले शनिवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक धार में 2, बैतूल में 0.2 मिमी. बरसात हुई। उज्जैन, भोपाल में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी 5 दिन तक मौसम साफ होने के आसार नहीं हैं। रविवार से बरसात की गतिविधियां और बढ़ने की संभावना है।


मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी उदय सरवटे ने बताया कि वर्तमान में चक्रवाती तूफान 'महा' अरब सागर में गुजरात के तट से करीब पहुंच गया  है। इसके प्रभाव से प्रदेश में नमी आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे बादल छाने लगे हैं। इसके प्रभाव से 7-8 अक्टूबर को भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, उज्जैन संभाग में तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं। उधर बंगाल की खाड़ी में भी एक शक्तिशाली कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके प्रभाव से भी 7-8 नवंबर को प्रदेश में बरसात की संभावना बन रही है। सरवटे के मुताबिक यदि दोनों तरफ के सिस्टम से एक साथ ऊर्जा मिली, तो 7-8 नवंबर को प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बरसात के हालात भी बन सकते हैं।