भाेपाल. नीलबड़ और रातीबड़ इलाके में धमाकों की आवाज का सिलसिला थम नहीं रहा है। एेसी अावाज की तीव्रता भी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार काे यहां अब तक सबसे तेज अावाज से रहवासी इतने घबरा गए कि वे घबराकर घर और दुकान छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
रहवासियों के मुताबिक शुक्रवार को 8 से 10 बार कंपन हुअा अाैर अावाज सुनाई दी। सबसे तेज कंपन शाम 4.50 बजे महसूस किया गया। इससे घबराए लोगों ने काम तक बंद कर दिए तो कई रहवासी जांच की गुहार लगाने कलेक्टर तरुण पिथाैड़े के पास पहुंच गए। कलेक्टर का कहना है कि राजस्व विभाग की टीम की रिपाेर्ट अा गई है, इसमें साफ हाे गया है कि भूकंप जैसा कुछ नहीं है, यानी सेस्मिक गतिविधि नहीं है। काेलार में भी ऐसी आवाजें सुनाई दी थी, यह वैसा ही घटनाक्रम है। इससे जियाेलाॅजिकल सर्वे अाॅफ इंडिया के अधिकारियाें काे अवगत करा दिया है।
उन्होंने कहा कि दशहरे के बाद इलाके में जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। संगठन एसाेसिएशन अाफ प्राेफेशनल एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट- एटीपीआई के ओएसडी दिनेश वर्मा ने कहा कि बीते 10 से 15 दिनों से एेसी अावाज अाैर कंपन हो रहा है। इसके चलते शैक्षणिक संस्थानाें, में अाने वाले स्टूडेंट्स और रहवासियों के मन में डर सा बैठ चुका है। नीलबड़ के रहवासी मस्तान सिंह मारन एवं बरखेड़ा नाथू निवासी नरेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा सुबह से शाम तक 8 बार अावाज लेकिन शाम 4.50 बजे काफी तेज था। उस समय घर में महिलाएं भजन कर रहीं थीं। अावाज सुनकर उन्हाेंने डर के कारए भजन गाना ही बंद कर दिया गया। कॉन्ट्रेक्टर केपी सिंह ने कहा कि शुक्रवार को शाम को कई बार कंपन आ चुका है। शाम को जिस समय कंपन हुआ तब मैं साइट पर था। मेरी कार 2 सेकंड के लिए हिली।
कोलार में भी आती थीं आवाजें
कुछ समय पहले तक कोलार इलाके में भी जमीन के भीतर से इसी तरह की आवाजें आती थीं। इससे क्षेत्रीय लोगों में दहशत का माहौल था। तब भी जिला प्रशासन और मौसम केंद्र ने इसे भूकंप मानने से इनकार कर दिया था।
महिलाएं बाेलीं
बर्तन तक गिरे कलखेड़ा निवासी प्रतिभा सिंह एवं रातीबड़ की रहवासी लीना मिश्रा ने बताया ने बताया कि शुक्रवार शाम 4 बजे हमने अब तक की सबसे तेज अावाज सुनीं, कुछ पल के लिए कंपन भी महसूस किया। हम ताे घबराए अाैर घर में रखे बर्तन तक हिलकर गिर गए।
रहवासी बोले ...ब्लास्टिंग पर लगे रोक
रहवासी अभिषेक श्रीवास्तव, रवि खरे, राकेश भूरिया, शैलेंद्र सिलावट, रमाशंकर द्विवेदी, पवन बाथम, जगन्नाथ मिश्रा के साथ कई रहवासियाें ने कलेक्टर काे ज्ञापन साैंपा। इसमें मांग की गई है कि अासपास के क्षेत्र में संचालित खदानाें मं की अा रही ब्लास्टिंग पर तत्काल पाबंदी लगाई जाए। क्षेत्र के गांवाें के रहवासी मंगलवार काे जन सुनवाई में कलेक्टर से शिकायत करेंगे।
खनन बंद होने तक जांच संभव नहीं
माैसम केंद्र भाेपाल डिप्टी डायरेक्टर एवं सीनियर साइंटिस्ट वेद प्रकाश ने बताया कि यह अावाज या कंपन भूकंप नहीं है। वजह है कि सिस्माेग्राफ पर इसका काेई रिकाॅर्ड नहीं है। रही बात जांच की ताे जब तक इस इलाके में करीब 5- 7 किमी के दायरे में संचालित क्रेशर, खदान या इंडस्ट्रीज वगैरह बंद नहीं हाे जाते तब तक इसकी बारीकी से जांच कर पाना संभव नहीं है।