बिजनौर/ शौहर की सलामती और लंबी उम्र के लिए दो महिलाओं ने मजहब की दीवारों को लांघ दिया। मुस्लिम होने के बावजूद भी अफसरी और रेशमा ने करवाचौथ का निर्जल व्रत रखा। दोनों ही महिलाएं जेल में बंद हैं। इनके अलावा, 19 हिन्दू महिलाओं ने भी जेल में ही करवाचौथ के व्रत का पालन किया।
बिजनौर के जिला कारागार में अफसरी और उसका पति ताहिर हुसैन 15 जुलाई 2017 से आजीवान कारावास की सजा काट रहे हैं। एक अन्य महिला बंदी रेशमा और उसका पति असलम भी हत्या के मामले में जेल में ही बंद है। फिलहाल रेशमा दो महीना पहले ही जेल आई थी।
अफसरी ने पिछले साल भी करवाचौथ का व्रत रखा था। अफसरी ने बताया कि पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखा है। पति हर महजब और धर्म की पाबंदियों से भी बड़ा होता है। पति है तो सबकुछ है, वरना कुछ नहीं।
अफसरी के साथ रेशमा ने भी निर्जल व्रत का पालन किया। इन दोनों के अलावा 19 हिन्दू महिलाओं ने भी जेल के अंदर अपने करवा चौथ व्रत का पालन किया।
जेल प्रशासन ने मुहैया कराया सामान
जिला कारागार की महिला बैरक में फिलहाल 56 महिला बंदी हैं। इनमें 19 हिन्दू और 2 मुस्लिम महिलाओं ने करवाचौथ का व्रत रखा है। पांच महिलाओं के पति भी जेल में ही बंद हैं। महिलाओं के व्रत को देखते हुए जेल प्रशासन ने व्रत का सभी सामान उपलब्ध कराया। शृंगार से लेकर पूजा तक का सामान दिया गया है। मेहंदी और बिछुए आदि भी जेल प्रशासन ने महिलाओं को दिए हैं। हालांकि कुछ महिलाओं के पति मुलाकात करके सामान दे गए थे।
बैरक की खिड़की से चांद का दीदार
भले ही जेल प्रशासन ने व्रत के लिए रियायत दे दी हो लेकिन, जेल के नियमों में ढील नहीं दी गई। बैरक शाम छह बजे ही बंद कर दी जाएगी। हालांकि चांद साढ़े आठ बजे के आसपास निकलेगा, जिस कारण व्रत रखने वाली महिलाओं को बैरक की खिड़की से ही चांद का दीदार करना होगा। उधर, व्रत रखने वाली महिलाओं की उनके पतियों से दिन में मुलाकात करा दी गई थी।
एसपी सिंह, जेलर, बिजनौर जेल ने बताया कि दो मुस्लिम महिलाओं सहित 21 महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखा है। व्रत रखने वाली महिलाओं को पूजा-पाठ से लेकर शृंगार तक का सामान जेल प्रशासन ने उपलब्ध कराया है। दिन में उनके पतियों से मुलाकात भी करा दी गई है।