बैंक अधिकारी बनकर ठगों ने रिटायर्ड प्रोफेसर के चुराए सवा लाख रुपए

होशंगाबाद। एक रिटायर्ड प्रोफेसर को ठगों ने अपने जाल में फंसाकर खाता साफ कर दिया। ठगों ने बैंक अधिकारी बनकर वारदात को अंजाम दिया। अपने साथ हुई ठगी की जानकारी रिटा. प्रोफेसर को उस वक्त लगी जब उनके पास खाते से रुपए निकालने का मैसेज आया। ठगी का शिकार हुए प्रोफेसर का कहना है कि फोन करने वालों ने जिस तरीके से रुपए निकाले हैं उससे लग रहा है कि पूरा गिरोह काम कर रहा है।


पीड़ित प्रोफेसर ने बताया कि ठग ने अपना परिचय नामी-गिरामी बैंक के मैनेजर के रूप में दिया। एटीएम कार्ड से संबंधित कुछ जानकारी ली और कहा कि उसमें दिक्कत है। फोन पर ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। कुछ देर तक बात होने के बाद कॉल ड्राप हुआ तो दूसरी बार फिर कॉल आया था।


इस बार सीधे एटीएम का नंबर पूछा गया था। एटीएम कार्ड की डिटेल लेते ही ठग ने कहा कि इसमें दिक्कत है, तकनीकी रूप से कार्ड बंद करना पड़ेगा। वरना आप परेशानी में पड़ सकते हैं। इस पर रिटा. प्रोफेसर्स से ठग ने फोन पर ही पूरी जानकारी ले ली। ठग ने यह भी पता कर लिया था कि उनके पास दूसरा कार्ड भी रखा हुआ है।


पीड़ित के मुताबिक जब उन्होंने पूरी जानकारी दी तो फोन अचानक काट दिया गया। थोड़ी देर बाद एक ट्रांजेक्शन का मैसेज आया तो उसे देखकर वे घबरा गए। थोड़ी ही देर बाद देखा कि दूसरा मैसेज आया। इन दोनों मैसेज में अलग-अलग खातों से रुपए निकाले जाने की जानकारी दी। एटीएम जाकर मिनी स्टेटमेंट निकाला तो खातों में राशि निकाली जा चुकी थी। वहीं जब ठगों को फोन किया दोनों ही नंबर बंद जा रहे थे।