आंखों के ऑपरेशन के बाद मरीज को लगा दिया एक्सपायर्ड इंजेक्शन

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद चार मरीजों काे दिखाई देना बंद होने के बाद बुधवार को इस मामले में दूसरी बड़ी लापरवाही सामने आई है। दिखना बंद होने की शिकायत पर नेहरिया निवासी 62 वर्षीय दफेलाल ढाकरिया को सोमवार को उनका बेटा बसंत  अस्पताल लाया था। यहां जांच के बाद डॉक्टर ने एंटी एलर्जी के लिए डेक्सामैथासोन इंजेक्शन लगाने की सलाह दी थी। नेत्र विभाग से उन्हें छह इंजेक्शन दिए गए, जो अगस्त 2019 में ही एक्सपायर हो चुके थे।


इनमें से एक इंजेक्शन मरीज को लग भी चुका है। इस मामले की शिकायत बसंत ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन और एसडीएम से की है। चिकित्सकों के मुताबिक इस इंजेक्शन के लगने से कोई खतरा नहीं है। गौरतलब है कि 25 सितंबर को नेत्र विभाग की ओटी में हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चार मरीजों की दिखाई देना बंद हो गया है। 


पीएस और कमिश्नर ने जांच के दिए आदेश 


स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने अंधत्व निवारण कार्यक्रम के उप संचालक हेमंत सिंहा को जांच के आदेश दिए है। वहीं जबलपुर कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने जबलपुर मेेडिकल कॉलेज की एक टीम को इसकी जांच सौंपी है।


अधिकारी अस्पताल पहुंचे मरीजों से ली जानकारी
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम बुधवार को जिला अस्पताल पहुंची। मरीजों से मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जीबी रामटेके और एसडीएम अतुल सिंह ने चर्चा की। एसडीएम  ने बताया कि चार मरीजों में से एक को दिखाई देने लगा है। अन्य तीनों मरीजों को जिला अस्पताल लाकर दोबारा भर्ती कराया है। गुरुवार को इन तीनों मरीजों को भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। साथ में एक डॉक्टर भी जाएगा। भोपाल से जांच रिपोर्ट आने पर तय होगा कि किसकी लापरवाही है। फिर आगामी कार्रवाई की जाएगी।


जांच के बाद ही दोबारा शुरू होगा ऑपरेशन थिएटर
नेत्र विभाग के ऑपरेशन थिएटर को सील कर दिया है। प्रभारी सीएमएचओ डॉ. सुशील राठी ने बताया कि एहतियात के तौर पर ओटी सील कराई गई है। जांच के बाद ही ओटी शुरू की जाएगी।