भाेपाल. प्राइवेट स्कूलाें की तरह शहर के सरकारी प्राइमरी स्कूलाें में भी केजी-1 कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इन्हें प्री-प्राइमरी का दर्जा दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत यह कवायद की जा रही है। कलेक्टर एवं मिशन संचालक सर्व शिक्षा अभियान तरुण पिथाेड़े ने फंदा एवं बैरसिया के सभी संकुल प्राचार्याें काे इस बारे में निर्देश जारी कर दिए। इसे तुरंत लागू करने काे कहा गया है। इन कक्षाअाें में चार साल से अधिक आयु समूह के बच्चाें काे पढ़ाया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा है कि प्री-प्राइमरी कक्षाअाें का माैजूदा सत्र से ही संचालन किया जाना है, इसीलिए स्कूलाें में अलग से एक कक्ष की व्यवस्था की जाए। स्कूलाें के अासपास की बसाहट में 4 साल से अधिक अायु समूह के बच्चाें का सर्वे करवाकर नामांकन कराया जाए। इन कक्षाअाें में पढ़ाने के लिए स्कूलाें के शिक्षकाें की जिम्मेदारी तक तय कर दी गई है। बैरागढ़ चीचली से लेकर, अरेरा काॅलाेनी, गाेविंदपुरा, बैरागढ़, बरखेड़ी, एमपी नगर, खजूरीकलां तक के 61 स्कूलाें की सूची जारी की गई है।
विशेषज्ञ रमाकांत पांडे का कहना है कि केंद्र सरकार ने इसे समग्र शिक्षा नीति नाम दिया है। इस साल मप्र में 1500 एेसे स्कूल शुरू हाेंगे। इसके लिए शिक्षकाें काे ट्रेनिंग भी देना चाहिए।अभी फंड नहीं अाकस्मिक निधि से करें इंतजाम निर्देशाें में साफ कहा गया है कि इसके लिए शैक्षणिक सामग्री एवं उनके उपयाेग के निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। तब तक संस्था उपलब्ध अाकस्मिक निधि से कुछ खिलाैने एवं शैक्षणिक सामान खरीदे।