नई दिल्ली/ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को बेंगलुरु स्थित एचएएल हवाईअड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। इसी के साथ वह हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। राजनाथ के साथ एयर वाइस मार्शल एन तिवारी भी थे। तिवारी बेंगलुरु में एयरोनॉटिकल डवल्पमेंट एजेंसी (एडीए) के नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में परियोजना निदेशक हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया था कि स्वदेश में निर्मित तेजस के विकास से जुड़े अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री इस हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगे। अधिकारी ने बताया था ''उनके इस कदम से भारतीय वायु सेना के उन पायलटों का मनोबल भी बढ़ेगा जो यह विमान उड़ा रहे हैं।"
इसके साथ ही सुपरसोनिक विमान 'तेजस' के भारतीय सेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया। तेजस का निर्माण हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड ने किया है और यह एक इंजन वाला हल्का विमान है। इसके बावजूद दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में इस लड़ाकू विमान का कोई सानी नहीं है।
क्यों खास है स्वदेशी 'तेजस'
तेजस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कम ऊंचाई पर उड़कर यह दुश्मन पर नजदीक से सटीक निशाना साध सकता है और यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर है। तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। डर्बी और अस्त्र मिसाइल से भी 'तेजस' लैस हो सकता है। इतना ही नहीं, 'तेजस' लड़ाकू विमान के जरिए लेजर गाइडेड बम से दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है। आधुनिक रडार और मिसाइल जैमर से भी इस लड़ाकू विमान को लैस किया गया है।
लड़ाकू विमान 'तेजस' की गति और ताकत
ध्वनि की गति से दोगुनी रफ्तार से उड़ान भरने वाला लड़ाकू विमान 'तेजस' 2222 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम है। इतना ही नहीं, 'तेजस' एक बार में 3850 किमी की दूरी तक उड़ान भरने की काबिलियत रखता है। अगर सभी तरह के हथियारों से 'तेजस' को लैस कर दिया जाए, तो इसका कुल वजन करीब 13,500 किलो होगा। पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' 13.2 मीटर लंबा और 4.4 मीटर ऊंचा है।