एमपी के मंत्री ने दिग्विजय के खिलाफ उठाई आवाज, सरकार चलाने का लगाया आरोप

भोपाल। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के नाम पर जारी मंथन के बीच सरकार के भीतर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ आवाज उठने लगी है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने सीधे तौर पर सिंह पर पर्दे के पीछे से सरकार चलाने का आरोप लगाया है।  इसके अलावा कई मंत्री दबे स्वर में सरकार में सिंह की दखलंदाजी पर सवाल उठा रहे हैं।


पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने बीते दिनों मंत्रियों के नाम एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने मंत्रियों से मुलाकात का समय भी मांगा था। सिंह ने पत्र में लिखा था, “मेरे द्वारा जनवरी 2019 से 15 अगस्त, 2019 तक स्थानांतरण सहित विविध विषयों से संबंधित आवेदन पत्र आवश्यक कार्यवाही हेतु आपकी ओर अग्रेषित किए गए थे। मेरे द्वारा आपको पृथक से पत्र लिखकर मेरे पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराने और यदि किसी प्रकरण में कार्यवाही संभव नहीं है तो उसकी जानकारी देने का भी अनुरोध किया गया था। मेरे द्वारा आपको प्रेषित उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही के बारे में जानने के लिए मैं आपसे 31 अगस्त, 2019 के पहले भेंट करना चाहता हूं। कृपया 31 अगस्त, 2019 से पूर्व मुझे भेंट हेतु समय प्रदान करने का कष्ट करें।”


दिग्विजय सिंह के इस पत्र के बाद कई मंत्रियों ने किसी तरह की प्रतिक्रिया जाहिर करने से इंकार कर दिया, तो दूसरी ओर गोविंद सिंह राजपूत, सुखदेव पांसे, विजयलक्ष्मी साधो, बाला बच्चन, आरिफ अकील, सुखदेव पांसे सहित कई मंत्रियों ने सिंह को अपना वरिष्ठ नेता बताते हुए कामकाज पर निगरानी रखने और समीक्षा का अधिकार होने की बात कही।


लेकिन वन मंत्री उमंग सिंघार ने खुले तौर पर सिंह पर सवाल उठा दिए हैं। सिंह द्वारा लिखे गए पत्र पर सिंघार ने पत्रकारों से कहा, “यह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हैं, जो वास्तव में पर्दे के पीछे से राज्य सरकार चला रहे हैं। यह सबको पता है, जगजाहिर है। प्रदेश की जनता जानती है, कांग्रेस का कार्यकर्ता जानता है। उन्हें चिठ्ठी लिखने की आवश्यकता नहीं है, जब सरकार ही चला रहे हैं तो चिठ्ठी लिखने की आवश्यकता क्यों।”


उमंग सिंघार ने सिंह के खिलाफ  पाटीर् की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिख दिया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि “कमलनाथ सरकार को पाटीर् के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वंय को म़ प्ऱ के पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं। वह लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।”


उन्होंने आगे लिखा है, “इसी कड़ी में गत शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने सभी मंत्रियों को एक पत्र लिखा और उसे सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया।”


पूर्व मुख्यमंत्री सिंह पर हमला करते हुए सिंघार ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा, “व्यापमं घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला, वृक्षारोपण घोटाला को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा, किंतु वह सिंहस्थ घोटाले को लेकर कुछ नहीं कहते, क्योंकि सिंहस्थ घोटाले से संबंधित विभाग उनके पुत्र जयवर्धन सिंह के पास है।”


ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव से पहले के विधानसभा सत्र में कई मंत्रियों द्वारा व्यापमं घोटाला, ई-टेडरिंग घोटाला, वृक्षारोपण घोटाला पर दिए गए जवाब पर पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने सवाल उठाए थे। तब भी सिंघार ने सिंह को पत्र लिखकर अपनी बात कही थी, साथ ही सिंह के पुत्र और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के सिंहस्थ घोटाले के जवाब का भी जिक्र किया था। जयवर्धन ने अपने जवाब में सिंहस्थ घोटाले को क्लीनचिट दी थी। 


राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने दबे स्वर में सिंघार द्वारा दिए गए बयान का समर्थन किया है। खुले तौर पर कोई भी मंत्री बात करने को तैयार नहीं है। एक मंत्री का कहना है कि “कौन मुसीबत मोल ले। हां, सिंघार ने जो कहा है, वह सही है, क्योंकि जनता और नौकरशाही में तो यही संदेश है कि सरकार दिग्विजय सिंह ही चला रहे हैं।”