अंधविश्वास के चलते 45 दिन के बच्चे को गर्म छड़ से दागा ...मौत

उज्जैन . अंधविश्वास ने 45 दिन के बच्चे की जिंदगी छीन ली। तराना तहसील के गांव बरनावद कालाफाटा निवासी कैलाश के डेढ़ माह के पुत्र को पांच दिन पहले निमोनिया हुआ था। इलाज की बजाए परिवार के लोगों ने अंधविश्वास के चलते उसके शरीर को गर्म लोहे की छड़ से दाग दिया। मासूम के पेट व छाती सहित पांच जगह पर जख्म हो गए थे।


इसके बाद भी परिवार वाले पांच दिन तक उसे घर पर रखकर ठीक होने का इंतजार करते रहे। इंफेक्शन फैलने से उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसके बाद परिवार के लोग उसे तराना अस्पताल ले गए, जहां से उसे उज्जैन रैफर कर किया गया। यहां 26 सितंबर को चरक अस्पताल के पीआईसीयू में भर्ती किया गया। गंभीर हालत होने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। तीन डॉक्टर उसके इलाज में लगे थे। उन्होंने बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन शुक्रवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।


निमोनिया, शॉक व सेप्टीसिमिया से मौत : शिशु रोग विशेषज्ञ व पीआईसीयू प्रभारी डॉ. वाय के शाक्य ने बताया, बच्चे को पांच दिन पहले निमोनिया हुआ था। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके शरीर पर पांच जगह जलने के निशान थे। मौत का कारण निमोनिया, शॉक व सेप्टीसिमिया यानी इंफेक्शन होना है। बच्चे को  समय पर अस्पताल लाते तो जान बच सकती थी।