ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने बासेल (स्विट्जरलैंड) में जारी बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है. दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नंबर-2 चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग की चुनौती 12-21, 23-21, 21-19 से ध्वस्त की. इसके साथ ही भारत की स्टार शटलर ने कांस्य पदक पक्का कर लिया है. अब सेमीफाइनल में सिंधु का सामना दुनिया के तीसरे नंबर की खिलाड़ी चीन की चेन यू फेई से होगा, जिनके खिलाफ सिंधु का 5-3 का शानदार रिकॉर्ड है.
सिंधु ने एक घंटे 10 मिनट में यह मुकाबला जीता. इस जीत के साथ ही सिंधु ने यिंग के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 5-10 का कर लिया है. पहले गेम में सिंधु आसानी से अंक गंवाती नजर आईं. भारतीय खिलाड़ी एक समय 4-11 से और फिर 9-14 से पीछे थी, वह 12-21 से पहला गेम हार बैठी.
2017 और 2018 में रजत तथा 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु ने दूसरे गेम में अच्छी वापसी की और यिंग को कड़ी टक्कर दी. दोनों खिलाड़ी एक समय 8-8 से और फिर 12-12 से बराबरी पर थीं. इसके बाद सिंधु ने 18-16 की बढ़त कायम कर ली.
यहां यिंग ने फिर 18-18 से बराबरी कर ली. इसके बाद दोनों खिलाड़ी 21-21 से बराबरी पर थीं. लेकिन सिंधु ने यहां से लगातार दो अंक लेकर 23-21 से दूसरा गेम जीत लिया और मैच को तीसरे गेम तक ले जाने में सफल रहीं.
तीसरे गेम में सिंधु एक समय 5-8 से पीछे थीं. लेकिन इसके बाद उन्होंने 14-14 और फिर 19-19 से स्कोर बराबरी पर ला दिया. भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद लगातार दो अंक लेकर सेमीफाइनल में अपना कदम रख दिया.
प्रणीत भी सेमीफाइनल में
भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बी. साई प्रणीत ने भी बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. प्रणीत ने क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के जोनाटन क्रिस्टिली को 51 मिनट में 24-22, 21-14 से मात दी. इस जीत के साथ ही प्रणीत ने जोनाटन के खिलाफ 2-2 का रिकॉर्ड कर लिया है.
सेमीफाइनल में प्रणीत के सामने मौजूदा चैम्पियन और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी जापान के केंटो मोमोटा की चुनौती होगी, जिनके खिलाफ वर्ल्ड नंबर-19 प्रणीत का 2-3 का करियर रिकॉर्ड है.
प्रणीत ने सेमीफाइनल में पहुंचते ही कांस्य पदक पक्का कर लिया. प्रणीत से पहले दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने विश्व चैम्पियनशिप के अंतिम-4 में जगह बनाकर पदक पक्का किया था.
पादुकोण ने 36 साल पहले 1983 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था. अगर प्रणीत जीतकर फाइनल में पहुंचते हैं और जीतते हैं तो उन्हें स्वर्ण पदक अन्यथा रजत पदक मिलना तय हो जाएगा.